संजय साेलंकी का ब्लाग

आप क्या बनना चाहते हो?: Motivation in hindi






एक दिन एक छोटी सी लड़की अपने पिता को अपना दुखः व्यक्त करते-करते अपने जीवन को कोसते हुए यह बता रही थी कि उसका जीवन बहुत ही मुश्किल दौर से गुज़र रहा है। साथ ही उसके जीवन में एक दुख: का समय जाता है तो दूसरा चला आता है और वह इन मुश्किलों से लड़-लड़ कर अब थक चुकी है। वह करे.. तो क्या करे?

उसके पिता पेशे से एक शेफ़ थे। उन्होंने अपनी बेटी की इस बात को सुनने के बाद उसे अपनी बेटी को रसोईघर लेकर गये। और 3 कढ़ाईयों में पानी डाल कर तेज आग पर रख दिया। जैसे ही पानी गरम हो कर उबलने लगे, पिता नें एक कढ़ाई में एक आलू डाला, दुसरी में एक अंडा और तीसरी में कुछ कॉफ़ी के बीन्स डाल दिए।

वह लड़की बिना कोई प्रश्न किये अपने पिता के इस काम को ध्यान से देख रही थी!

कुछ 15-20 मिनट के बाद उन्होंने आग बंद कर दी और एक कटोरे में आलू को रखा, दुसरे में अंडे को और कॉफ़ी बीन्स वाले पानी को एक कप में.. अब पिता ने बेटी की तरफ उन तीनों कटोरों को दिखाते हुए एक साथ कहा... आलू, अंडे, और कॉफ़ी बीन्स!

पिता ने दुबारा बताते हुए बेटी से कहा! पास से देखो इन तीनों चीजों को –

बेटी ने आलू को देखा, जो उबलने के कारण मुलायम हो गया था। उसके बाद अंडे को देखा, जो उबलने के बाद अन्दर से कठोर हो गया था। और अंत में जब कॉफ़ी बीन्स को देखा तो उस पानी से बहुत ही अच्छी खुशबु आ रही थी ।

पिता ने बेटी से पुछा! क्या तुम्हें पता चला इसका मतलब क्या है?

फिर पिता ने उसे समझाते हुए कहा.. इन तीनो चीजों ने अलग-अलग तरीके से गर्म पानी के साथ प्रतिक्रिया की परन्तु जो मुश्किल उन्होंने झेली वह एक समान थी

फिर उन्होंने अपनी बेटी से प्रश्न किया - जब विपरीत परिस्थितियों में तुम्हारे जीवन में आती हैं, तो तुम क्या बनना चाहोगी... आलू, अंडा या कॉफ़ी बीन्स..?!!
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