संजय साेलंकी का ब्लाग

भूगोल : Guleri ki kahani






एक शिक्षक को अपने इंस्पेक्टर के दौरे का भय हुआ और वह क्लास को भूगोल रटाने लगा। कहने लगा कि पृथ्वी गोल है।

यदि इंस्पेक्टर पूछे कि पृथ्वी का आकार कैसा है और तुम्हें याद न हो तो मैं सुंघनी की डिबिया दिखाऊंगा, उसे देखकर उत्तर देना।

गुरु जी की डिबिया गोल थी!

इंस्पेक्टर ने आकर वही प्रश्न एक विद्यार्थी से किया और उसने बड़ी उत्कंठा से की ओर देखा।

गुरु ने जेब में से चौकोर डिबिया निकाली.. लेकिन भूल से दूसरी डिबिया आ गई थी।

लड़का बोला, "बुधवार को पृथ्वी चौकौर होती है... और बाकी सब दिन गोल।"
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