संजय साेलंकी का ब्लाग

चाय के प्याले






जापानी ज़ेन गुरु सुजुकी रोशी के एक शिष्य ने उनसे एक दिन पूछा – “जापानी लोग चाय के प्याले इतने पतले और कमज़ोर क्यों बनाते हैं कि वे आसानी से टूट जाते हैं?”

सुजुकी रोशी ने उत्तर दिया – “चाय के प्याले कमज़ोर नहीं होते बल्कि तुम्हें उन्हें भली-भांति सहेजना नहीं आता। स्वयं को अपने परिवेश में ढालना सीखो, परिवेश को अपने लिए बदलने का प्रयास मत करो।”
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