
किसी समय की बात है। एक दिन एक कुत्ता जंगल में रास्ता भटक जाता है, तभी वह देखता है कि एक शेर उसकी तरफ़ चला आ रहा है.. उसे देखकर कुत्ते की साँस सूख जाती है।
वह सोचता है कि "आज तो काम तमाम"! फिर जब उसने अपने सामने पड़ी हुई सूखी हड्डियाँ देखी, तो उसे आईडिया आता है और वो आते हुए शेर की तरफ़ पीठ करके बैठ जाता है और एक सूखी हड्डी को चूसने लगता है और ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगता है.. "वाह शेर को खाने का मज़ा ही कुछ और है, एक और शेर मिल जाय तो पूरी दावत हो जाय!" और ऐसा कहकर वह ज़ोर से डकार लेता है।
यह सब देख सुनकर शेर सकते में आ जाता है, उसने सोचता है "ये कुत्ता तो शेर का शिकार करता है! जान बचा कर भागो!" और शेर वहां से भाग जाता है।
यह सारा घटनाक्रम पेड़ पर बैठा एक बंदर देख रहा था, उसने सोचा ये बहुत अच्छा मौका है, शेर को जाकर सारी कहानी बता देता हूँ। शेर से दोस्ती हो जाएगी और उससे ज़िन्दगी भर के लिये जान का खतरा भी दूर हो जायेगा।
वो बंदर जल्दी से शेर के पास जाता है, और वहाँ जाकर उसने शेर को सब बता दिया कि कैसे कुत्ते ने उसे बेवकूफ़ बनाया है। शेर बहुत नाराज हुआ, उसने बंदर से कहा- "चल मेरे साथ अभी उसकी लीला खत्म करता हूँ" और बंदर को अपनी पीठ पर बैठा कर शेर कुत्ते की तरफ़ लपका।
कुत्ते ने शेर को आते देखा तो तो वो समझ गया कि इसमें बंदर का हाथ है तो कुत्ता एक बार फिर उसकी तरफ़ पीठ करके बैठ गया और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा, "इस बंदर को भेजे एक घंटा हो गया और अभी तक साला एक शेर तक फांस कर नहीं ला सका!"
हमारे अगल बगल भी ऐसे ही बंदर होते हैं... उन्हें पहचानना सीखिये!!
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