संजय साेलंकी का ब्लाग

Musibat se saamna : नेपोलियन बोनापार्ट






नेपोलियन बोनापार्ट विश्व के सर्वश्रेष्ठ योद्धाओं में से एक थे। वे अक्सर जोखिम भरे काम किया करते थे।

एक बार उन्होने आलपास पर्वत को पार करने का ऐलान किया और अपनी सेना के साथ चल पढ़े।

सामने एक विशाल और गगनचुम्बी पहाड़ खड़ा था जिसपर चढ़ाई करना लगभग असंभव था।

उस विशाल पहाड़ को देखकर नेपोलियन की सेना मे अचानक हलचल की स्थिति पैदा हो गई। लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी सेना को चढ़ाई का आदेश दिया।

पास मे ही एक बुजुर्ग औरत खड़ी थी। उसने जैसे ही यह सुना वो उसके पास आकर बोली की क्यो मरना चाहते हो..?

यहाँ जितने भी लोग आये है वो मुँह की खाकर हमेशा के लिये यही रहे गये। अगर अपनी ज़िंदगी से प्यार है तो वापिस चले जाओ।

उस औरत की यह बात सुनकर नेपोलियन नाराज़ होने की बजाये प्रेरित हो गया और झट से हीरो का हार उतारकर उस बुजुर्ग महिला को पहना दिया.. और फिर बोले; आपने मेरा उत्साह दोगुना कर दिया और मुझे प्रेरित किया है। लेकिन अगर मै जिंदा बचा तो आप मेरी जय-जयकार करना।

उस औरत ने नेपोलियन की बात सुनकर कहा- तुम पहले इंसान हो जो मेरी बात सुनकर हताश और निराश नहीं हुए।

‘जो करने या मरने‘ और मुसीबतों का सामना करने का इरादा रखते है, वह लोग कभी नही हारते।
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