संजय साेलंकी का ब्लाग

सफल शादीशुदा जिंदगी का राज़

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एक बार एक शादीशुदा दंपत्ति ने अपने खुशहाल शादीशुदा जीवन की 50वीं सालगिरह का आयोजन किया।

अपने छोटे से शहर में रहते हुए वे बहुत अच्छे दंपत्ति के रूप में प्रसिद्द थे क्योंकि कभी भी किसी ने उन्हें झगड़ते हुए नहीं देखा था।

स्थानीय समाचार पत्र के एक पत्रकार ने उस अवसर पर पति से उनके सुखी विवाहित जीवन का राज़ पूछा – “आज के जमाने में आपकी तरह इतना खुशहाल शादीशुदा जीवन असंभव है। इसका कारण क्या है?”

पति ने उत्तर दिया – हमारी शादी के बाद हम हनीमून मनाने के लिए शिमला गए।

हमने घोड़े की सवारी करने के लिए दो घोड़े ले लिए।

मेरा घोड़ा तो बहुत अच्छा और शांत था लेकिन मेरी पत्नी का घोड़ा बहुत चंचल था।

रास्ते में कुछ दूर जाने के बाद मेरी पत्नी के घोड़े ने बिदक कर उसे नीचे गिरा दिया।

मेरी पत्नी शांति से जमीन से उठी, उसने घोड़े को थपथपाया और कहा ‘ये तुमने पहली बार किया’ और घोड़े पर बैठ गई।

कुछ देर बार घोड़े ने उसे फिर से नीचे गिरा दिया।

इस बार भी वह सहजता से घोड़े से बोली ‘ये तुमने दूसरी बार किया’ और वापस घोड़े पर बैठ गई।

जब घोड़े ने उसे तीसरी बार नीचे गिरा दिया..

.. तब उसने अपने पर्स से पिस्तौल निकाली ... और घोड़े को मार दिया!

मैं चिल्लाया! – ये तुमने क्या किया!? घोड़े को मार डाला! तुम पागल हो क्या!?

पत्नी ने मुझे शांत भाव से एक नज़र देखा और बोली – "ये तुमने पहली बार किया।"

“इस तरह हमारा वैवाहिक जीवन बहुत सुख-शांति से बीता।”
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